मां का आंचल छोटी थी रोती थी बिसुरती थी मां के आंचल आंसू पोंछते डरती-भयभीत होती मां के आंचल में छुप जाती मां के आंचल ने सबकी नजरों से बचाया शादी हुई बच्चे हुए मां के आंचल से बेशुमार आशीर्वाद के फूल झड़े मेरी झोली में अब दूर है मां का आंचल बहुत दूर आसमान में फैला है मां का इंद्रधनुषी आंचल - सविता सिंह
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